नाहन में राफेल विमान डील पर कांग्रेस लाल, पूछा 570 करोड़ का विमान 1570 करोड़ में क्यों खरीदा

एमबीएम न्यूज़ / नाहन
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय सेना के लिए आधुनिक तकनीक से लैस राफेल विमान की डील में करोड़ों की ददाली का आरोप लगाते हुए वीरवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने नाहन में जबरदस्त प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस के सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता ने पूरे शहर में प्रदर्शन रैली निकाली और बाद में एडीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

नाहन में प्रदर्शन करते कांग्रेसी

अजय सोलंकी ने कहा कि राफेल डील में घोटाला हुआ है। देश की जनता जानना चाहती है कि 570 करोड़ का विमान 1570 करोड़ में क्यों खरीदा गया है। देश के पीएम मोदी इस मुद्दे पर मौन हैं। जवाब देने तक को राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि राफेल डील रक्षा सौदे घोटाले से मोदी ने देश की जनता को धोखा दिया है। अजय सोलंकी ने कहा कि राफेल डील घोटाले में मोदी चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार हैं। मोदी देश की जनता के प्रति अपने जवाब देही से भाग नहीं सकते। कांग्रेस पार्टी राफेल डील घोटाले को आम जनता के बीच ले जाएगी व उनकी पोल खोलेगी।
उन्होंने कहा कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय द्वारा लड़ाकू जहाजों के निर्माण का लाईसेंस दिया गया। 2015 में लाईसेंस का आवेदन देने व उसके बाद लाईसेंस दिए जाने की तिथि, 22 फरवरी, 2016 को इस कंपनी के पास लड़ाकू जहाज बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए न तो कोई जमीन थी और न ही उस पर कोई बिल्डिंग। हैरानी की बात यह भी है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का गठन 24 अप्रैल, 2015 यानि प्रधानमंत्री द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा करने के 14 दिन बाद ही किया गया था।
सोलंकी ने कहा कि खुलासों एवं प्रमाणों से 30 हजार करोड़ का डिफेंस ऑफसेट कांट्रैक्ट रिलायंस समूह को दिए जाने बारे रक्षामंत्री का झूठ जगजाहिर हो चुका है। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डिफेंस ऑफसेट कांट्रैक्ट दिशा निर्देशों का घोर उल्लंघन जगजाहिर है। रिलायंस समूह व डसॉल्ट एविएशन के 30 हजार करोड़ के ऑफसेट कांट्रैक्ट के सांझे समझौते को रक्षामंत्री व एक्विजि़शन मैनेजर रक्षा मंत्रालय की अनुमति दिशानिर्देशों के मुताबिक अनिवार्य थी।
पूरे मसौदे को डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल के समक्ष पेश करना भी जरूरी था। स्वयं मोदी सरकार ने ही रक्षा मंत्रालय के सभी दिशानिर्देशों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जानना चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट के बार-बार पूछे जाने पर भी मोदी सरकार लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर रही। इसके पीछे कौन सी वजह है। इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष सोहन सिंह राजपूत, पार्षद राकेश गर्ग समेत दो दर्जन कांग्रेसी उपस्थित थे


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