17 सितंबर को शिमला में होगा भारतीय मजदूर संघ का शक्ति प्रदर्शन …

रिकांगपिओ / जीता सिंह नेगी

भारतीय मजदूर संघ राज्य सदस्य एवं किन्नौर व लाहौल-स्पीति प्रभारी यशपाल हेटा ने रिकांगपिओ में पत्रकार वार्ता करते भाजपा सरकार पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि 6 माह के शासन के बाद भी सरकार को भामस से वार्तालाप करने को समय तक नहीं है। आज भी पूर्व सरकार की ओर से भामस के अनेक कार्यकर्ता का उत्पीड़न समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के गठन के बाद भी भामस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है। इस मौके पर किन्नौर आंगनबाडी संघ अध्यक्ष प्रेमलता, निर्माण कामगर संघ शोंगटोंग अध्यक्ष संजय कुमार, सचिव रविंद्र कुमार, पवन, विक्रम, कृष्ण कुमार, चंद्र प्रकाश उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि भामस कई मुद्दों को लेकर आगामी 17 सितंबर को शिमला में शक्ति प्रदर्शन व विशाल रैली का आयोजन कर रही है।

भारतीय मजदूर संघ राज्य सदस्य एवं किन्नौर व लाहौल-स्पीति प्रभारी यशपाल हेटा व अन्य पदाधिकारी

जिस में हज़ारों कार्यकर्ता शामिल होंगे। जिस के लिए मंडल स्तर की बैठक कर सूचित किया जा रहा है। हेटा ने कहा कि किन्नौर में शोंगटोग विद्युत परियोजना कंपनी में कार्यरत कामगारों को पूर्व सरकार के समय सरकार के दवाब में आकर कंपनी ने कामगारों को नौकरी से निकाल दिया गया। वर्तमान प्रदेश सरकार उन सभी कामगारों को पुनः बहाल कर कंपनी में वापिस लिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजना निर्माण के नाम पर कम्पनियों ने किन्नौर को खोखला कर दिया गया।

   कम्पनियों ने बाहरी लोगों को रोजगार दिया गया। लेकिन स्थानीय युवकों को सरकार के दबाव में बाहर का रास्ता दिखाया गया। कामगारों को फर्जी केस में विभिन्न धाराएं लगा दी गईं। आज उनको न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ रहे है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि तुरंत उक्त कामगारों के पूर्व के मामले वापिस ले व कंपनी प्रबंधन शीघ्र उन्हें काम पर वापिस ले। उन्होंने कहा कि किन्नौर के विभिन्न विधुत परियोजनाओ में श्रम कानूनों का सरेआम धज्जी उड़ाई जा रही है।

किन्नौर में चल रहे सभी विद्युत परियोजनाओं की सरकार एक कमेटी गठित कर श्रम कानून बारे एक उच्च स्तरीय जांच की जाए। वहीं सरकार शीघ्र जिला में चल रहे विभिन्न विद्युत कंपनियो में श्रम कानून को पूरी तरह लागू करे। हेटा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारी घोषित करे या 18 हज़ार न्यूनतम वेतन लागू करे। हरियाणा, मध्यप्रदेश की तर्ज़ पर प्रदेश सरकार भी मानदेय में बढ़ोतरी करे। उन्होंने कहा कि आशा, मिडडे मिल, सिलाई-कढ़ाई कर्मचारी को सरकारी कर्मचारी घोषित करे। इसी तरह सरकार आंगनबाड़ी केंद्र तक पोषाहार सामग्री को पहुँचाने के लिए लेबर व भाड़ा दर में बढ़ोतरी की जाए। हेटा ने कहा कि पूर्व सरकार ने सुपरवाइजर पद के लिए पदोन्नति कोटा 90 प्रतिशत से घटा कर 70 प्रतिशत किया है, उसे सरकार पुनः 90 प्रतिशत करे।


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