सुभाष कुमार गौतम /घुमारवीं
शिमला-धर्मशाला राष्ट्रीय मार्ग-103 पर घुमारवीं उपमंडल के अंतर्गत पड़ने वाली सड़क दधोल जरोडा आज 25 साल बाद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। यह सड़क प्रशासन व सरकारों के निठल्लेपन का एक जीता जागता उदाहरण है। गौरतलब है कि इस सड़क का निर्माण 1929-93 में राष्ट्रीय मार्ग-103 से दधोल से जरोडा गांव तक दो किमी किया गया था।
लोगों ने इस सड़क को अपनी भूमि दान देकर बनवाया था लेकिन हालात आज भी ढाक के तीन पात हैं। स्थानीय लोगों दया राम, राम लाल, बरम दास, मुकेश कुमार ने बताया कि लोगों को भूमि दान में देकर कोई फायदा नहीं हुआ है। बारिश होने पर सड़क का सारा पानी बीच सड़क में आ जाता है और सड़क खड्ड में तबदील हो जाती है। यहां तक की वाहन तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों ने बताया कि 1999 में इस सड़क को लोक निर्माण विभाग के अंडर दिया गया।
2005 में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 23 लाख रुपये स्वीकृत किए गए जिसका कार्य एक निजी ठेकेदार को दिया गया। आज तक मात्र आधे अधूरे डंगे ही लगे हैं और सड़क मात्र नाला बनकर रह गई है। उधर सड़क के किनारे पड़ी शोलिंग और बजरी बह रही है जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ है।
एसडीओ लोक निर्माण विभाग शशी कांत शर्मा का कहना है कि इस सड़क में तीन चार लोगों ने अवैध कब्जे किए हैं। जिस कारण सड़क का काम रूका हुआ है जिसकी जल्दी ही निशानदेही करवाई जाएगी। बरसात के बाद सड़क का सारा काम शुरू किया जाएगा।