एमबीएम न्यूज़ / कुल्लू
संत निरंकारी सत्संग भवन मनाली में स्पेशल सत्संग का आयोजन किया गया। जिसकी अगुवाई दिल्ली से पधारे डाक्टर विजय शर्मा ने की। इस अवसर पर कई निरंकारी मिशन के पदाधिकारी मौजूद रहे। जिसमें जोनल इंचार्ज तेज सिंह चौधरी और मनाली ब्रांच के मुखी महात्मा प्रताप और संचालक महात्मा टोले राम, कुल्लू से आए महात्मा जोगी दास के अलावा मनाली व मनाली के आस पास के महात्माओं ने भाग लिया। महात्मा विजय शर्मा ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि हमें किसी संत की ज्यादा बड़ाई नहीं करनी है। बड़ाई से महात्माओं के बीच मान आ जाता है।
इससे तो उन महात्माओं के लिए हरदास करे ताकि वह अपनी भक्ती को और दृढ़ता प्रदान करे। उन्होंने कहा कि गुरु जब खुश होता है तो ज्ञान देता है। उन्होंने कहा कि गुरु कि सोच विशाल होती है और गुर सीख की सोच सीमित होती हैं। उन्होंने कबीर का उदाहरण देते हुए कहा कि कबीरा तेरी झोंपड़ी गल कटीओ के पास करेगे सो भरेगे तु क्यों भयो उदास कहने का भाव है, कि परमात्मा की बात करता हूं तो लोग बात को काट देते थे तब कबीर ने कहा जो करेगा वो भरेगा।
इस अवसर पर जोनल इंजार्च महात्मा तेज सिंह चौधरी ने कहा आज पूरे विश्व को जरूरत है प्यार, एकता एवं सद्भाव की। मानव मानवता को त्यागकर हिंसात्त्मक प्रवृति अपना चुका है। ऐसे महौल में प्यार का वातावरण स्थापित करना है। आज जरुरत है भक्तिमय वातावरण बनाने की यह वातावरण संत निरंकारी मिशन बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस संसार में आए हैं जन्म लिया है। जीवन की यात्रा तय कर रहे हैं और आखिर खामोश भी हो जाना है लेकिन ये बीच का पड़ाव, जन्म और मृत्यु के बीच का जो समय है। इसके ऊपर केंद्रित हो जाएं कि ये किस प्रकार से तय हो रहा है।
क्या ये प्यार, प्रीत, नम्रता वाले गुणों से युक्त होकर तय कर रहे हैं या अभिमान, संकीर्णता, नफरत और वैर-ईष्र्या के भाव से युक्त होकर जीवन के सफर को तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह इंसान की बुद्धि और विवेक पर निर्भर करता है कि वह क्या चयन करता है। बुद्धि और विवेक के आधार पर ही इंसान सही दिशा का चुनाव करता है। उन्होंने कहा कि सद्मार्ग को चुनने वाले ही धरती के लिए वरदान बनते हैं और जो विपरीत राह अख्तियार कर लेते हैं वे धरती के लिए अभिशाप ही बनते हैं।