अभिषेक मिश्रा/ बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश में सेवानिवृत्त अध्यापकों को फिर से नौकरी देने की तैयारी की जा रही है। इस बात का अभी तक अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे बेरोजगार अध्यापकों ने कड़ा विरोध किया है। जिला में उन अध्यापको में शामिल संजय मिश्रा, सुमित, सोहन, अशोक कुमार, नरेश कुमार, पवन कुमार, नंद लाल, ओंकार, धर्मपाल और विकास शर्मा ने बताया कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि आज के हिसाब से जो सेवानिवृत्त अध्यापक हैं, क्या वह उन सभी शर्तों को पूरा करते हैं जो एक अध्यापक के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए क्या आरएंडपी नियमों को बदलना नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों की कमी पूरी करने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे बेरोजगार बैठे हैं जो हर शर्त को पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि 2012 से लेकर ऐसे कई टैट पास युवा नौकरी के इंतजार में हैं । आधे से अधिक मामले कोर्ट में लटके पड़े हैं जिनमें कई ऐसे बेरोजगार हैं जो लग सकते हैं। वही बेरोजगार इस इंतजार में है, कि कब कोर्ट का फैसला उनके हक में आए और वह नौकरी करें।
इनमें शास्त्री अध्यापक, जेबीटी, शारीरिक शिक्षा अध्यापक, भाषा अध्यापक जैसे कई अध्यापक है। इन सभी बेरोजगार अध्यापकों ने हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा सचिव से आग्रह किया है, कि इस तरह के मामलों को गौर से देखा जाए ताकि बेरोजगारों के साथ अन्याय ना हो और वह अपने रास्तों से ना भटके। उन्होंने कहा कि अगर पीरियड के आधार पर ही रखना है। तो उन बेरोजगारों को रखा जाए जो सभी मापदंडों को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो अध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं क्या वह फिर से ईमानदारी से बच्चों को पढ़ा पाएंगे।