रोचक : देवभूमि में ऐसे तीन गांव, सूर्यदेव न दें दर्शन तो पसर जाएगा अंधेरा, पढि़ए क्यों

एमबीएम न्यूज/कुल्लू
आप यह जानकर दंग हो जाएंगे, अगर बंजार उपमंडल के तहत गाड़ापारली पंचायत के तीन गांवों शाक्टी, मरोड़ व शुगाड़ में आसमान पर सूर्यदेव नहीं चमकेंगे तो 220 की आबादी वाले इन गांवों में मोबाइल रिचार्ज नहीं होंगे। साथ ही टीवी भी नहीं चलेंगे। एक-दो बल्ब जल जाएं तो गनीमत होगी।
आपके जहन में एक सवाल उठ रहा होगा, ऐसा क्यों। इसकी वजह यह है कि द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटे होने के कारण इन गांवों में बिजली व सडक़ नहीं पहुंची है, क्योंकि वाइल्ड लाइफ संरक्षित क्षेत्र में सडक़ निर्माण व बिजली के खंभे नहीं लग सकते। मुख्य सडक़ से इन गांवों की दूरी करीब 20 किलोमीटर है, जहां पहुंचने में करीब 7 घंटे का वक्त पैदल लगता है। अब आपके मन में एक सवाल यह भी उठ रहा होगा कि आखिर अब यह गांव चर्चा में क्यों हैं तो इसका जवाब यह है कि एक संस्था 14 दिन तक लगातार मेहनत कर गांवों तक घोड़े-खच्चरों पर सोलर पैनल पहुंचाने में कामयाब हुई हैं।
स्वाभाविक तौर पर अगर इन पैनल्स को सूर्यदेव से चार्जिंग नहीं मिलेगी तो सबकुछ ठप हो जाएगा। यह अलग बात है कि इस कार्य में जुटी संस्था ने एडवांस तकनीक से इंतजाम किए हैं। घरों, मंदिरों व विद्यालयों में सोलर जेनरेटर पहुंचे हैं। सैंटर फॉर सस्टेनेबल संस्था के कार्यकारी निदेशक प्रवीण कुमार का कहना है कि संस्था गांवों में बिजली पहुंचाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि 14 दिनों की मशक्कत के बाद संस्था इस पुण्य कार्य को धरातल पर उतारने में कामयाब हुई है।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले सोलर पैनल लगाए गए थे, जिनसे बल्ब तो जलते थे, लेकिन टीवी व अन्य विद्युत उपकरण नहीं चल पाते थे। संस्था का दावा है कि 1250 वॉल्ट का बड़ा पावर जेनरेटर भी मुहैया करवाया गया है जो शादियों व देव कारजों के दौरान बिजली सुविधा मुहैया करवाएगा। संस्था ने 50 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों व भेड़-खच्चर पालकों को सोलर टार्च भी वितरित किए। अब तक लोगों को रात के दौरान लकडिय़ां जलाकर रोशनी करनी पड़ती थी। इस पूरे कार्य में रवि सिन्हा व डीके भास्कर का भी अहम योगदान रहा।


Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *