अभिषेक मिश्रा/ बिलासपुर
डंगार चौक में बेसहारा पशुओं की आवाजाही बढ़ती ही जा रही है। कुत्ते, गाय व सांढ़ के आतंक से पूरा इलाका परेशान हैं। सड़कों पर सरेआम घूमते ये आवारा पशु कई बार दुर्घटना का कारण भी बन रहे है। सबसे ज्यादा सांढ़ों के कारण लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। बाजार में तो सरेआम विचरण करते ये बेसहारा पशु चौक पर सड़क के बीच जमा हो जाते है। इससे वाहनों के निर्भीक आवागमन में बाधा पहुंचती है। बेसहारा पशुओं को नियंत्रित करने के मामले में यहां की पंचायत की ओर से भी कोई पहल नही की जा रही है। क्षेत्र में बेसहारा पशुओं के नियंत्रण लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।
इस वजह लोग यहां पशुओं को छोड़ जाते है। पशुपालकों पर जुर्माना की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यहां स्थित सरकरी स्कुल के पास सांढ़ का आतंक कायम है। पिछले कुछ दिनों से कई गाडियों को तोड़ चुका है। अब इससे पैदल राहगीर और दोपहिया वाहन चालक सहमे हुए रहते हैं। गाड़ी के मालिकों का कहना है कि वे रात को गाड़ी खडी कर के घर गए पर जब सुबह गाडी के पास आऐ तो उनकी महेंद्रा गाड़ी बेसहारा पशुओं द्वारा क्षतिग्रस्त कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार अगली रात को एक मारूति 800 कार को भी यह पशु अपना निशाना बना चूके है। यह बेसहारा पशु गाड़ी मालिकों को काफी नुकसान पहुचां चुके है।
राह चलते लोगों को इन जानवरों से काफी दिक्कते हो रही है। बच्चों को देख कर तो कई जगहों पर कुत्ते के झुंड उन्हें काटने को भी दौड़ा लेते है। क्षेत्र के कुछ प्रमुख रास्तों में तो इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक छा गया है। दर्जनों की संख्या में ये आवारा कुत्ते सड़को पर झुंड में घुमते रहते है। क्षेत्र में ही दर्जन भर से अधिक लोग इनके शिकार भी हो चुके है। लोगों ने बताया कि अभी मक्की की फसल की बिजाई की है तो ये बेसारा पशु उनके खेतों में घुसकर खेतों को खराब कर रहे है। वहीं सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। गांव डंगार, भोला, बल्ह, रीड़ा व आस-पास क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं की भारी तादाद है। जो दिन रात उनके खेतों में घुस रहे हैं और कड़े पहरे के बावजूद भी खेती बर्बाद कर रहे हैं।
किसानों ने कहा कि महंगे खाद, बीज से उन्होंने हजारों रुपये खर्च कर खेतों में मक्के व बाजरे की फसलों तथा सब्जियों की बिजाई की है। लोग गर्मी में सब्जियों की सिंचाई कर किसान अपनी आजीविका के लिए खेती के कार्य में जुटे हैं। लेकिन क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में घूम रहा आवारा पशुओं का झुंड उनकी खेती बर्बाद कर रहा है। जिससे किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले समय में फसलों का भी भारी नुकसान होगा।
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