12 महिला ऑफिसर लिख रही हमीरपुर के विकास की इबारत….

हमीरपुर(एमबीएम न्यूज़) : क्षेत्र के विकास की इबारत लिखने का जिम्मा 12 महिला अधिकारियों के हाथ है। विभिन्न विभाग की जिम्मेवार कुर्सी पर विराजमान इन महिला अधिकारियों की बदौलत कई जनकल्याण कार्य पूर्ण हो चुके है। हालांकि सरकार के निर्देश पर कुछ कर्मचारियों के तबादले हुए है। इसमें महिला दिवस के ठीक एक दिन पहले सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता विभाग की जिला अधिकारी वंदना चौहान का तबादला हो गया।
     इससे पहले एडीसी रूपाली ठाकुर भी यहां पर सेवाएं देने उपरांत यहां से चली गई है। बावजूद इसके क्षेत्र में अभी भी 12 महिला ऑफिसर विभिन्न विभाग के कार्याे को रफ्तार दे रही है। यही कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के चलते लोग जागरूक हुए है। महिला ऑफिसर लोगों के मन में बेटियों के प्रति बने अंसतोष को दूर करने में प्रेरणा का स्त्रोत बन गई। लिहाजा क्षेत्र में लिंगानुपात 956 तक पहुंच गया।
     जबकि पिछले वर्ष का लिंगानुपात 887 पर लटका हुआ था। यह स्थिति पढ़े लिखे समाज के लिए एक चिंताजनक बन गई। यही कारण है कि क्षेत्र के प्रशासन ने बेटियों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान को पंख लगाने में महिला अधिकारी एक मार्ग दर्शक बनकर उभरी। हालाँकि बीच मे कुछ महिला अधिकारियों के तबादले हो गए। बावजूद इसके क्षेत्र में मौजूदा समय में 13 महिला ऑफिसर अपनी सेवाएं दे रही है।
     जिला में उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों से लेकर प्रधानाचार्य के पद तक महिलाएं अपनी सेवाएं देते हुए कार्यालय की बागडोर संभाले हुए है। इनमें सीएमओ डा.सावित्री कटवाल, एसएमओ डा.अर्चना सोनी, डीएसपी रेणू शर्मा, डीएफओ प्रीति भंडारी, बीडीओ अस्मिता ठाकुर, डीएम फोरेस्ट संगीता चंदेल, सैनिक कल्याण बोर्ड में ओएसडी चेतना खड़वाल, डीएलओ सुनीला ठाकुर, सीडीपीओ मोनिका नेन्टा, कॉ-ओपरेटिव सोसायटी अतिरिक्त रजिस्टार प्रेम लता, सीसे स्कूल बाल प्रधानाचार्य मंजू ठाकुर, सीसे स्कूल कन्या प्रधानाचार्य नीना ठाकुर विशेष रूप से शामिल है।
      इन्हीं महिला अधिकारियों के चलते बेटी को बचाने के लिए शुरू किए गए अभियान को भी पंख लगे है। यही नहीं बेटी बचाने के लिए समाजिक एंव अधिकारिता विभाग में लगी आगनबाड़ी कार्यकर्ता भी एक रीढं की हड्डी की तरह भूमिका निभा गई। यहां पर भी महिला वर्ग की ही अहम भूमिका रही। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने डोर-टू-डेार ऐसा ताल मेल बिठाया कि लड़की के जन्मदिन पर मिठाइयाँ बांटना शुरू हो गया।
     साथ ही जन्म पर लड़की के नाम पर एफडी करवाना भी शुरू हो गया इसमें पंचायत प्रतिनिधि भी कूद गए। आज इसका परिणाम लिंग अनुपात में बढौतरी हुई है। महिला दिवस पर इन तमाम महिलाअेां की भूमिका को सलाम करता है।
हर सीडीपीओ ने गोद ली है कन्या…….
बेटी बचाने के इस अभियान में सामाजिक अधिकारिता विभाग के मुखिया के साथ-साथ अलग-अलग ब्लॉक अधिकारियों ने एक-एक बेटी गोद ली है। गरीब परिवार से संबंध रखने वाली इन बेटियों की पढाई में आने वाले खर्चे की जिम्मेवारी इन अधिकारियों ने ली है। क्षेत्र में सहकारिता एंव अधिकारिता विभाग इसमें अहम रोल अदा कर रहा है।

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