शिमला (एमबीएम न्यूज़): हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को भी विपक्षी कांग्रेस के तेवर तल्ख रहे और प्रश्नकाल के बाद उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने सरकार पर कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर तबादले करने का आरोप लगाया और नियम-67 के तहत इस पर चर्चा करवाने की मांग की।
कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार ने मृत और सेवानिवृत कर्मचारियों के भी तबादले कर दिए। विपक्ष का कहना रहा कि विधवा कर्मचारियों और सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों के भी तबादले कर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दो माह में ही सरकार ने विभिन्न विभागों में 20 हजार से अधिक तबादले कर दिए।
स्कूलों में इन दिनों परीक्षाएं चल रही हैं और तबादलों के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह एक गंभीर मुददा है कि सदन की सारी कारवाई स्थगित कर सरकार इस पर चर्चा करे। स्पीकर राजीव बिंदल ने नियमों का हवाला देते हुए विपक्ष के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इससे समूचा विपक्ष उखड़ गया और नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गया।
विपक्ष के वाकआउट की सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घोर निंदा की और उनके व्यवहार को गैर जिम्मेदाराना करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखबारों की सुर्खियां बनने के लिए विपक्ष अनावश्यक मुददों को सदन में उठा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन की स्थापित परम्पराओं को बिगाड़ने का काम कर रहा है। मृत व सेवानिवृत कर्मियों के तबादले करने के विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तथ्यहीन बातें हैं। विपक्ष के पास ऐसी जानकारी है तो वह इनका आंकड़ा दें, इसकी जांच करवाई जाएगी।
उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सदन में तबादलों से जुड़ा एक सवाल किया गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने पांच साल तक इसका जवाब नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चर्चा करने से नहीं भाग रही, बल्कि चर्चा को तैयार है, लेकिन नियमों की परिधि में। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा नियम-67 को हल्का बनाने का प्रयास किया जा रहा है।