पशुओं को आवारा छोड़ा तो नहीं खैर, जानवर खुद बताएंगे मालिक का नाम….ऐसा किया है इंतजाम

बिलासपुर(अभिषेक मिश्रा): किसानो के लिए भयंकर समस्या बन चुके आवारा पशुओ से निजात पाने के लिए दावीं घाटी के किसानो ने नया कदम उठाया है। यहाँ के किसानो ने सोमवार को जुखाला में सभी आवारा पशुओ को एक जगह पर एकत्रित किया तथा पशु पालन विभाग के चिकित्सक को मौके पर बुलाया और गऊओं के कानो में लगे टैग नंबर से इन सभी गऊओं के मालिकों की पहचान की। पशु पालन विभाग के चिकित्सक डा. अशोक रांगरा ने बताया कि यह आवारा गाय बंदला, देवली, घ्याल पंचायत की है।

चिकित्सकों के साथ ग्रामीण गऊओं के टैग की पहचान करते हुए
    उन्होंने बताया कि कानो में लगे टैग से केवल मात्र पंचायत का पता चलता है जबकि इन पशुओ के मालिक का पता पंचायत रिकॉर्ड से मिलेगा। जुखाला के रमेश कुमार ने बताया कि अब वह इन टैग नंबर को लेकर इन पंचायतों में जाकर इनके मालिक का पता करके जिला उपायुक्त को ज्ञापन देंगे जिसके बाद इन पर सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
     रमेश कुमार ने बताया कि जहां यह आवारा जानवर किसानो की फसल को चट कर रहे है वहीं यह जानवर बच्चो, बुजुर्गों तथा राहगीरों के लिए आफत बन चुके है। यह जानवर सभी के लिए आफत बन चुके है और हर कभी राहगीरों पर हमला कर रहे है। डा अशोक रांगरा ने कहा कि आवारा पशुओ की समस्या से बचने के लिए गौ जातीय पशुओ का पंजीकरण पंचायत में करवाना आवश्यक है।
       उन्होंने किसानो से अपील की के वह गौ जातीय पशुओं का जन्म, मृत्यु, क्रय तथा विक्रय का पंजीकरण भी पंचायत में आवश्य करवाए। डा. अशोक रांगरा के साथ पशु औषधियोजक रजनीश महाजन भी साथ थे ।

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