सोलन (एमबीएम न्यूज़ ): सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री व स्थानीय विधयाक डा.कर्नल धनीराम शांडिल ने जिला को नगर निगम बनाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। यदि कैबिनेट मंत्री को नगर के बाशिंदों के हित की चिंता होती तो जिला नगर परिषद को दो साल पूर्व नगर निगम की सौगात मिल जाती। यह आरोप सोलन नगर निगम संघर्ष समिति के संयोजक कुलराकेश पंत ने प्रेसवार्ता के दौरान लगाए हैं।
इस दौरान उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा.धनीराम शांडिल की कार्यप्रणाली को लेकर कई गंभीर आरोप भी लगाए। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जिला नगर निगम संघर्ष समिति के संयोजक व पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष कुलराकेश पंत ने कहा कि स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डा. धनीराम शांडिल सोलन के हितों को लेकर गंभीर नहीं रहे। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि यदि स्थानीय विधायक को सोलन की जनता के हितों की जरा भी चिंता होती तो नगर की जनता को करीब दो साल पहले ही नगर निगम की सौगात मिल जाती।
इस दौरान उन्होंने कैबिनेट मंत्री की ढुलमुल कार्यप्रणाली पर कई गंभीर आरोप भी जड़े।
समिति के संयोजक कुलराकेश पंत ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि मंत्री ने समिति सहित शहर की जनता से किए वादे को पूरा नहीं किया है और उनकी इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार की समिति कड़े शब्दों में भत्र्सना करती है। कुल राकेशपंत ने कहा कि 23 जुलाई,2017 को समिति का एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय विधायक व मंत्री से इस मामले को लेकर मिला था और तब मंत्री ने समिति को आश्वस्त किया था कि अगली कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे को लाया जाएगा ताकि जिला को नगर निगम बनाए जाने का रास्ता साफ हो सके।
उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा दिए गए इस आश्वासन के बाद आज तक लगभग 8 कैबिनेट की बैठकें हो चुकी हैं,लेकिन स्थानीय मंत्री सोलन नगर निगम के मुद्दे को कैबिनेट मीटिंग के एजेंडे में भी शामिल नहीं करा पाए हैं जबकि दूसरी ओर धर्मशाला को नगर निगम दर्जा मिल भी गया। संयोजक ने कहा कि गत माह जिला में मिनी सचिवालय के उद्घाटन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष भी समिति ने इस मांग को उठाया था और उन्होंने भी इसके लिए हामी भरी थी लेकिन इसके बाद भी मंत्री पता नहीं किस कारणवश इस मुद्दे को कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं कर रहे हैं।
पंत ने कहा कि प्रदेश में चुनाव सर पर हैं और अब कभी भी आचार संहिता लग सकती है,ऐसे में पिछले दिनों हुई कैबिनेट मीटिंग में भी मंत्री ने इस मुद्दे को लाने की जहमत न उठाकर समिति व आम लोगों से वादा खिलाफी की है। उन्होंने कहा कि शहरी कांग्रेस कमेटी व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सोलन ने भी नगर निगम बनाए जाने के प्रस्ताव अपनी-अपनी बैठकों में पारित किए हैं,बावजूद इसके मंत्री द्वारा शहर के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले इस कदम को लेकर की जा रही बेरुखी सभी के समझ से बाहर है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति चुप नहीं बैठेगी और अपने इस प्रयास को जारी रखेगी और चुनाव के बाद बनने वाली सरकार के समक्ष भी इस मांग को पूरजोर ढंग से रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति का संघर्ष तब तक जारी रहेगा,जब तक सोलन को नगर निगम का दर्जा नहीं मिल जाता। प्रेसवार्ता में कुलराकेश पंत के साथ देवेंद्र गुप्ता, उषा शर्मा, सावित्री सांख्यान, शैलेंद्र गुप्ता, मुकेश गुप्ता, अमित डोभाल, मनोज गुप्ता, हरविंदर पाल सिंह, जयकृष्ण ठाकुर, बीएल गाजटा व रमेश शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।