कॉलेज में कलाकारों ने बिखेरी पारंपरिक लोकनृत्यों की छटा, देवभूमि हिमाचल की संस्कृति का रहा जलवा

हमीरपुर(एमबीएम न्यूज़): राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित किए जा रहे हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय युवा समारोह समूह-3 प्रतियोगिता के तीसरे दिन शुक्रवार को कलाकारों ने मंच पर हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक नृत्यों के जलवे बिखेरे। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों के नर्तकों ने नृत्य के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को मंच पर उतारा।
         राजकीय महाविद्यालय पालमपुर ने चंबा के प्रसिद्ध लोकनृत्य शिव महिमा व राम के वनवास से संबंधित लोकगीतों पर अदभुत प्रस्तुति दी। राजकीय महाविद्यालय जुखाला ने मार्कण्डेय ऋषि की तपोभूमि दावी घाटी की पारंपरिक वेशभूषा  में अपना लोकनृत्य पेश किया।
         शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे हुए नाहन शहर  में स्थित नाहन महाविद्यालय के छात्रों ने प्रसिद्ध सिरमौरी लोक संगीत की विविध लोकनृत्य, मुजरा, युगल, रासा तथा लोटा नृत्य की विहंगम प्रस्तुति दी। ठियोग महाविद्यालय के छात्रों ने शिमला के महासवी संस्कृति से संबंधित लोकनृत्य नाटी का अदभुत  नजारा पेश किया।
          राजकीय महाविद्यालय इंदौरा ने विश्व विख्यात पंजाबी लोकनृत्य भांगड़ा की प्रस्तुति दी। जोगेंद्रनगर महाविद्यालय ने लुड्डी लोबासडी लोकनृत्य के माध्यम से गुम्मा नमक से जुड़ी प्राचीन लोकगाथा का मंचन किया। संगडाह महाविद्यालय ने शिरगुल  देवता संबंधित लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
          निहरी महाविद्यालय  ने हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध मंडयाली, कुल्लवी, कांगड़ी और रोहडू के लोकनृत्यों की अद्भुत छटा को मंच पर उतारा। राजकीय महाविद्यालय ढलियारा ने छिंज तथा गिद्दा से जुडे लोकनृत्यों का प्रदर्शन किया। चौड़ा मैदान महाविद्यालय के छात्रों ने प्रसिद्ध महासवी नाटी का जलवा बिखेरा।
        प्राचार्य डा. हरदेव सिंह जंबाल ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय रामपुर, सिंहुता, हरिपुर स्थित मनाली, करसोग, बासा, कुल्लू, नादौन, सिराज स्थित लंबाथाच, नालागढ़ और भरमौर के छात्रों ने अपनी लोकनृत्यों से  हिमाचल प्रदेश की विभिन्न परंपराओं को नृत्य के माध्यम से दर्शकों को रूबरू करवाया।

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