बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : भारत सरकार द्वारा मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर शुक्रवार सुबह एसीसी भारतीय मजदूर संघ इकाई बरमाणा ने धरना प्रदर्शन किया। भामस के बैनर तले प्रधान काला राम की अध्यक्षता में भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीति को लेकर किए गए धरना प्रदर्शन में आक्रोषित मजदूरों ने भारत सरकार को कोसते हुए कहा कि जो श्रम कानून मोदी सरकार अब लागू करने जा रही है । उसमे सरकार का मकसद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना ओर मजदूर को खत्म करने जैसा है। महासंघ के निर्णय अनुसार भारत सरकार के खिलाफ किए गए ।
इस धरना प्रदर्शन में अध्यक्ष काला राम ने मजदूरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार श्रम कानूनों में जो बदलाव करने जा रही है । इस बदलाव में नया श्रम कानून जो कि तीन पुराने श्रम कानून जिसमे इंडस्ट्रियल एक्ट 1947 ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 और इंडस्ट्रियल एक्ट1946 की जगह लेगा। यदि यह क़ानून बन गया तो इस कानून के तहत श्रमिको कम्पनिया श्रीमिको को आसानी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है और मजदूरों को नोकरियाँ भी सुरक्षित नही रहेगी। मजदूर यूनियन भी खत्म हो जाएगी क्योंकि कारखानों के मालिक को इस नए कानून के तहत ज्यादा अधिकार प्राप्त होंगे। मजदूर हित में जो मौजूदा कानून है उन्हें खत्म करके इस नए कानून के तहत मजदूर की नियमित नोकरी समाप्त हो जाएगी और ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा मिलेगा।
मजदूर संघ की केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति को लेकर की गई इस रोष रैली में अध्यक्ष काला राम ने समस्त मजदूरों से आग्रह किया कि 17 नवम्बर 2017 को दिल्ली के रामलीला मैदान में इकठा हो ताकि भारतसरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक महारैली निकाली जाए जिसमे देश के हर सीमेंट उद्योग के मजदूर भाग लेंगे।इस विरोधप्रदर्शन में भामस के जिला मंत्री नानक चन्द ठाकुर ,अमित कुमार,प्रशोतम सिंह,दिलाराम,राजकुमार,विजय कुमार, राम प्रसाद,अनिल ,संजय,चमन लाल, कमलेश,महेंद्र चौधरी, कश्मीर सिंह, श्यामलाल, कन्हया चौधरी, सुरेश कुमार,और कार्यकारिणी महामंत्री राजेश कुमार भी उपस्थित थे।