हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : राजनीतिक दलों पर भेदभाव व पक्षपात के आरोप तो लगते ही हैं अब इस श्रेणी में सरकारी विभाग भी जुड़ गए है। ऐसे ही रवैये के कारण बीडीओ कार्यालय नादौन सुर्खियों में आया है। क्षेत्र की पंचायत प्रधानों ने बीडीओ नादौन पर मनरेगा बजट को बांटने में बंदरबाट करने का आरोप लगाया है।
प्रधानों ने आरोप लगाया कि किसी पंचायत को मनरेगा का पूरा बजट दे दिया तो किसी पंचायत को फूटी कौड़ी नहीं दी। बजट के अभाव में पंचायतों में मनरेगा कार्य लटक गए हैं। खनन सामग्री सप्लाई करने वालों ने भुगतान न होने कारण सामग्री सप्लाई करना बंद कर दिया है। पैसे के अभाव और सामग्री की कमी के कारण पंचायतों में कार्य बंद हो गए हैं जिसके कारण कार्यों के लिए आया सीमेंट दिनों दिन खराब हो रहा है। अगर बीडीओ कार्यालय समान रूप से बजट का आबंटन करता तो सभी पंचायतों के काम शुरू हो जाते। परन्तु बीडीओ कार्यालय ने बजट आबंटित करने में भेदभाव किया जिसके कारण विकास कार्य ठप्प हो गए।
मनरेगा के तहत पंजीकृत मजदूर पंचायत प्रतिनिधियों से काम और पैसे की मांग कर रहे हैं जिस पर पंचायत प्रतिनिधि उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत कराकर बजट आने पर भुगतान का भरोसा दे रहे हैं। अक्सर राजनीतिक दलों पर विकास के मामले में भेदभाव के आरोप लगते हैं जबकि सरकारी विभागों के लिए सारे काम बराबर होने चाहिए। लेकिन राजनीतिक दलों की देखादेखी सरकारी विभाग भी अब भेदभाव की नीति अपना रहे हैं। जिससे समान विकास कार्य करने की नीति प्रभावित हो रही है।