कुल्लू (एमबीएम न्यूज़ ) : किशोर न्याय अधिनियम-2015, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 (पोक्सो एक्ट), समेकित बाल संरक्षण योजना, बाल-बालिका सुरक्षा योजना और बच्चों-किशोरों से संबंधित अन्य योजनाओं के प्रति जागरूकता के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने बुधवार को बचत भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए एडीसी राकेश शर्मा ने कहा कि पोक्सो एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए हैं। एडीसी ने कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों से इन महत्वपूर्ण अधिनियमों और विभिन्न बाल कल्याण योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने की अपील भी की है । उन्होंने बताया कि बेसहारा, अनाथ, आपदा पीड़ित और अन्य विपदाओं से ग्रस्त बच्चों के कल्याण के लिए महिला एवं बाल विभाग ने समेकित बाल संरक्षण और बाल-बालिका सुरक्षा योजना चलायी है।
इन योजनाओं के अंतर्गत बेसहारा व अनाथ बच्चों के पालन-पोषण के लिए मासिक 2300 रुपये तक का प्रावधान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के अत्याचार के शिकार बच्चों को राहत प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर बाल कल्याण समिति का गठन किया गया है। अगर जिला में कहीं भी किसी बच्चे के साथ अत्याचार हो रहा हो तो इसकी सूचना जिला बाल कल्याण समिति या चाइल्ड लाइन को दी जा सकती है।
इस अवसर पर एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बच्चों के साथ होने वाले अपराधों और बाल अपराधियों से संबंधित जांच प्रक्रियाओं की जानकारी दी। जिला न्यायवादी एनएस कटोच ने पोक्सो एक्ट के विभिन्न प्रावधानों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले अपराधों व अत्याचारों को रोकने के लिए बनाए गए किशोर न्याय अधिनियम और पोक्सो एक्ट के प्रति आम जनता विशेषकर शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अति आवश्यक है।
बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक अपराधों की जानकारी छिपाना भी अपराध है और पोक्सो एक्ट में इसके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान है। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहित बंसल ने किशोर न्याय अधिनियम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु का कोई बच्चा अगर किन्हीं कारणों से किसी अपराध में संलिप्त हो जाता है तो किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत ऐसे केस की जांच और अदालती प्रक्रिया बिलकुल अलग तरह की होती है।
उन्होंने बताया कि बच्चों को मुफ्त क़ानूनी सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) ने विशेष योजना चलायी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र शर्मा ने कन्या भ्रूण हत्या विरोधी कानून पीएनडीटी एक्ट की जानकारी दी।
इससे पहले मुख्य अतिथि , अन्य वक्ताओं और सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र सिंह आर्य ने महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। कार्यशाला में उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक जगदीश, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शिव सिंह, अन्य पदाधिकारी और विभिन्न सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्य भी उपस्थित थे।