मंडी(वी कुमार): महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक उत्थान तथा उन्हें विकास के समान अवसर प्रदान करना, सरकार की उच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के विकास में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए गत चार वर्षो में महिला कल्याण व उत्थान योजनाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ अनेक नई योजनाएं चलाई गई है। जिला में भी इन योजनाओं को बेहतर ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है ताकि बच्चों व महिलाओं का उत्थान सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा लडकियों या जिनके पिता शारीरिक या मानसिक असमर्थता के कारण अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ हैं, नारी सेवा सदन की प्रवासियां तथा तलाकशुदा महिलाएं, जिनकी वार्षिक आय 35 हजार से अधिक न हो, की कन्याओं के विवाह के लिए 40 हजार रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है। जिला में पिछले चार सालों में 783 कन्याओं को यह सुविधा प्रदान की जा चुकी है जिस पर लगभग दो करोड़ 6 लाख 35 हजार रूपये व्यय किए गए।
मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना का उददेश्य गरीबी रेखा से नीचे रह रही निसहाय महिलाओं, तलाकशुद्वा हो, या जिनका पति 2 वर्ष से लापता हो और संबंधित थाना में उसके न मिलने की रिपोर्ट दर्ज हो, के 18 वर्ष से कम उम्र की आयु के बच्चों को पालन-पोषण के लिए तीन हजार रूपये प्रति बच्चा वार्षिक दर से सहायता प्रदान की जाती है। जिला में गत चार वर्षो के दौरान इस योजना के तहत 15,265 बच्चोें को लाभान्वित कर सहायता प्रदान की गई।
माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे अनुसूचित जाति के परिवारों की महिलाओं को जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है, उन्हें गैस कनेक्शन हेतू 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। योजना के तहत चार वर्षो के दौरान 37 लाख 23 हजार रूपये खर्च कर 2865 महिलाओं को लाभान्वित किया गया।
सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी है अनमोल योजना के तहत पिछले चार सालों में जिला में लगभग 5 करोड़ रूपये व्यय कर 8904 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया। बच्चों व महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई गई ये योजनाएं सभी पात्र लोगों तक पहुंचे, इसके हर संभव प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं।