नाहन ( एमबीएम न्यूज़) : प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटक स्थल श्री रेणुकाजी में आज भगवान परशुराम जयन्ती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर असंख्य लोगों द्वारा रेणुका स्थित भगवान परशुराम के प्राचीन मंदिर में जामू कोटी और कटाह शीतला से आई पालकियों के दर्शन करके भगवान परशुराम का आर्शिवाद प्राप्त किया। मंदिर में भगवान परशुराम जयंती के उपलक्ष्य पर पूजा एवं हवन का आयोजन किया गया।
मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार, उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया, सहित रेणुका विकास बोर्ड के सदस्यों एवं क्षेत्र के लोगों द्वारा हवन यज्ञ में पूर्णाहुति डालकर पुण्य कमाया। मुख्य संसदीय सचिव और उपायुक्त द्वारा भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा अर्चना करने के उपरांत श्री रेणुका झील की परिक्रमा भी की ।
विनय कुमार ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि श्री रेणुकाजी तीर्थाटन अन्तराष्ट्रीय पर्यटन के मानचित्र पर अपनी पहचान अंकित कर चुका है और हर वर्ष हजारों की संख्या में देश विदेश से पर्यटक आकर भगवान परशुराम के मंदिर और श्री रेणुकाजी झील की नैसर्गिक छटा का आन्नद लेते हैं। उन्होने कहा कि महर्षि जमदग्नि ऋषि की तपस्थली तपे के टिले को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा ताकि श्रद्धालु और पर्यटक श्री रेणुका झील के दर्शन के उपरांत इस स्थल पर आकर दूरस्थ ऊंची पहाड़ियों एवं मैदानी इलाकों की नैर्सिग छटा का आन्नद उठा सके ।
उन्होने कहा कि भगवान परशुराम शास्त्र व शस्त्र विद्या के पूर्ण ज्ञाता थे। प्राणी मात्र का हित उनका सर्वोपरि हित था। उन्होने कहा कि भगवान परशुराम तेजस्वी, ओजस्वी, वर्चस्वी महापुरूष थे, न्याय के पक्षधर होने होने के कारण भगवान परशुराम बाल अवस्था से ही अन्याय का निरन्तर विरोध करते रहे। उन्होने कहा कि भगवान परशुराम दीन-दुखियों, शोषित और पीड़ित वर्ग की सदैव सहायता एवं रक्षा करते रहे।
उन्होने बताया कि श्री रेणुका चिड़ियाघर के लिए टाईगर का जोड़ा शीघ्र लाने के लिए प्रयास जारी है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा टाईगर के जोड़ा के लिए आवश्यक धनराशि भी जमा कर दी है। उन्होने कहा कि झील की परिक्रमा के लिए वन्य प्राणी विभाग द्वारा बैटरी स्वचलित दो हल्के वाहन भी रखे गए है ।
इस अवसर पर उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया, तहसीलदार चेतन चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविन्द्र गुप्ता, मित्र सिंह तोमर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।